Short Moral Stories In Hindi For Kids: जब हम बच्चे थे, तब हम रोज हमारे दादी से सोते वक्त कहानियां सुना करते थे जब दादी कहानी सुनाते थे। तब हम काल्पनिक रूप से उसे देखकर आनंद उठाते थे। कई बार दादी हमें शिक्षाप्रद नैतिक कहानियां सुनाती थी, तो वहीं कई बार भूतों वाली या फिर पुरानी घड़ी हुई कहानी सुनाई करती थी।
लेकिन आजकल के जमाने में बच्चे दादी और नानी से या फिर मां-बाप से कहानी सुनना पसंद नहीं करते हैं। वैसे तो कहानी पढ़ना और सुनना हमारे जीवन के लिए अच्छा होता है। इस वजह से आज के इस लेख के जरिए हम आपको 5 छोटी हिंदी शिक्षाप्रद नैतिक कहानियां सुनाने वाले हैं। आशा करता हूं कि आपको यह सभी कहानी पसंद आएंगे।
अनुक्रम
Short Moral Stories In Hindi For Kids – बच्चों के लिए नैतिक कहानियां
1. पुण्यकोटी
कन्नड़ भाषा में प्रस्तुत सबसे महान नैतिक कहानियों में से एक पुण्यकोटि है। एक समय की बात है, जब एक कर्नाटक के गांव में किसान रहता था और वही पहाड़ी इलाके में उसकी चार गाय थी। उनमें से एक गाय का नाम पुण्यकोटी था और उस गाय को कुछ ही दिन पहले एक छोटा सा प्यारा सा बछड़ा पैदा हुआ था।
एक दिन जब वह सभी गाय जंगल के करीब चारा चरने चली जाती है तो, वहां पर एक जंगली, डरावना, खतरनाक और बहुत भूखा बाघ गाय के शिकार के लिए ताकता रहता था। पुण्यकोटी उस खतरनाक बाघ के चंगुल में फस जाती है। और पुण्यकोटी को पता चल जाता है कि उसका आखिरी वक्त आ गया है।
लेकिन उससे पहले पुण्यकोटी उस ताकतवर बाघ से यह निवेदन करती है कि वह एक बार उसके प्यारे भूखे बछड़े को दूध पिलाना चाहती है। गाय की यह बात सुनकर बाघ को उस पर भरोसा नहीं होता है। लेकिन फिर भी वह पुण्यकोटी को अपनी बछड़े को दूध पिलाने कि लिए जाने को कहता है। करीब 2 घंटे बीतने के बाद भी गाय वापस बाघ के पास नहीं आती है। बाघ को लगता है कि उस गाय ने उसको चूना लगा दिया है।
लेकिन कुछ समय बाद पुण्यकोटी बाघ के सामने आ जाती है और कहती है कि अब मुझे आप मार सकते हो। यह बात सुनकर बाघ चौकन्ना और शर्मसार हो जाता है। और उस पुण्यकोटी की ममता और इमानदारी को देखकर वह बाग पहाड़ से कूद कर अपनी जान दे देता है। और पुण्यकोटी अपने प्यारे बछड़े के पास चली जाती है।
नैतिक शिक्षा (Moral): प्रेम, ममता और इमानदारी ही इस दुनिया में सबसे बड़ी शक्ति है।
2. घमंडी मुर्गा
एक समय की बात है जब एक गांव में बहुत सारे मुर्गे हुआ करते थे और उनमें से एक मुर्गा हर सुबह अपने आवाज से सभी लोगों को सही समय पर जगह का था। लेकिन कुछ लोग उस मुर्गे को हर दिन परेशान करते रहते थे। इस वजह से उस मुर्गी ने एक दिन यह निर्णय लिया कि अगले दिन से वह किसी को अपनी आवाज से नहीं उठाएगा। ऐसा करने के बाद सभी लोग उसकी जरूरत जान जाएंगे। लेकिन जब सच में अगले सुबह को वह मुर्गा शांत रहा। लेकिन सभी लोग अपने अपने सही समय पर उठकर अपने अपने काम करने चले गए। और मुर्गा सोचता रहा कि उसके बिना कोई उठ नहीं पाएगा।
नैतिक शिक्षा (Moral): इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी भी किसी को घमंड नहीं करना चाहिए, चाहे लोगों को उसकी कितनी भी जरूरत हो।
3. आलसी शिष्य
एक आलसी शिष्य अपने गुरु का बहुत सम्मान करता था। लेकिन वह काम में बेहद आलसी था। इस वजह से हमेशा जरूरी कामों को भी वह टाल देता था। उस शिष्य की इस बात को जानकर गुरु चिंतित होने लगे। गुरु ने अपने आलसी शिष्य को सबक सिखाने के लिए एक बहुत बढ़िया निर्णय लिया और गुरु ने उस शिष्य से कहा कि मैं अब बाहर जा रहा हूं और मेरा यह पत्थर तुम रख लो, तुम इस पत्थर को जिस भी लोहे से छुओ गे तो वह सोना बन जाएगा।
ऐसे में वह आलसी शिष्य इस बात से खुश हो गया। लेकिन गुरु ने कहा कि सूर्यास्त के बाद वह पत्थर का जादू खत्म हो जायेगा। इस वजह से जो भी करना है, सूर्यास्त से पहले करना होगा। शिष्य खुश हो गया और सोचने लगा कि अब अमीर बन जाएगा और उन्हें खयालों में डूब गया। धीरे-धीरे दिन निकलता गया फिर भी वह शिष्य आलस्य के वजह से पत्थर से लोहे को सोना बनाने के लिए भी देरी करने लगा। और वही सोचता रहा कि अब मैं सभी लोहे की चीज को सोने में परिवर्तन करके अमीर बन जाऊंगा।
और बाद में कुछ घंटों बाद वह शिष्य लोहे खरीदने के लिए गया, तभी उन्हें रास्ते पर गुरु मिल गए और गुरु ने उस शिष्य से अपना पत्थर ले लिया। और उसे कहा कि अब सूर्यास्त तो हो गया है, तुमने किन-किन लोहे की चीजों को सोना बनाया है, मुझे दिखाओ। आलसी शिष्य ने कहा कि अभी मैं लोहे को सोना बनाने के लिए निकल पड़ा था। इस बात पर वशिष्ठ पश्चाताप करने लगा और उसे सबक मिल गया कि किसी भी काम को टालना नहीं चाहिए उसी वक्त कर लेना चाहिए।
नैतिक शिक्षा (Moral): जीवन में आपको बहुत सारे अवसर मिलेंगे। लेकिन कभी भी हमें किसी भी छोटे या बड़े अवसर को छोड़ना नहीं चाहिए और उसे हटाना नहीं चाहिए। आलस्य बुरी बला है।
4. प्यासा कौवा
एक बार जब एक कव्वे को बहुत ज्यादा प्यास लगती है। लेकिन अप्रैल और मई महीने का मौसम होने के कारण सभी तालाब और नदी सूख गए थे। वह कौवा इतना प्यासा था कि अगर उसे कुछ घंटों के अंदर पानी नहीं मिलता तो वह मर सकता है। लेकिन वह सभी जगह पानी की तलाश करता है। फिर बाद में उसे एक जग के अंदर थोड़ा पानी दिख जाता है।
लेकिन फिर भी वह उस जग के अंदर मुह डालकर पानी नहीं पी सकता था। क्योंकि वह पानी बहुत नीचे था। फिर वह अपना दिमाग लगाकर उस जग को पत्थरों से भर देता है। धीरे-धीरे पत्थर डालकर सभी पानी ऊपर आ जाता है और वह पानी आखिर में पी लेता है और अपनी जिंदगी बचा लेता है।
नैतिक शिक्षा (Moral): जरुरत पड़ने पर असंभव से भरा काम भी संभव हो सकता है। हमें हमेशा कोशिश करते रहनी चाहिए।
5. एक अमीर की कहानी
मुंबई के एक शहर में एक अमीर लड़का रहता है। उसके मां बाप ने करोड़ों रुपए कमाए होते हैं। लेकिन बूढ़े होने के कारण अमीर लड़के के मां-बाप मर जाते हैं। बाद में वह अमीर लड़का करोड़ों पैसे खर्च करके अमेरिका में एक बंगला खरीद लेता है और इसके बाद बहुत सारे कार खरीद कर अपना बिजनेस चलाता है।
लेकिन फिर भी उस अमीर लड़के को खुशी नहीं मिल पाती है और उसको खुशी का अनुभव नहीं हो पाता है। वह हमेशा भगवान से यह पूछता रहता है कि मेरे पास इतने पैसे हैं, लेकिन मैं खुश क्यों नहीं हूं। तभी उसके सामने एक तेज गाड़ी आकर एक गाय को मार कर चली जाती है। और उस गाय का एक पैर टूट जाता है और वह गाय रास्ते पर तड़पती रहती है।
उस गाय को तड़पता देखते हुए वह अमीर लड़का उसे पशु अस्पताल ले जाता है। इलाज के बाद वह गाय फिर से हंसी खुशी चलने लगती है। उस गाय की सहायता करके उस लड़के को खुशी होती है। और वह अमीर लड़का यह सोचने लगता है कि पैसे से कभी भी खुशी नहीं खरीदी जा सकती बल्कि दूसरों की सहायता करके ही उन्हें असल में खुशी का अनुभव होता है।
नैतिक शिक्षा (Moral): लोग हमेशा पैसे के पीछे भागते हैं और सोचते हैं कि पैसे से खुशी मिल जाएगी। लेकिन यह कभी भी संभव नहीं है। खुशी हमेशा दूसरों की सहायता करने पर ही मिलती है।
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